हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर, 6 जनवरी 2025:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशों पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गोरखपुर मंडल में नारी स्वावलंबन की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। इस पहल के तहत श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की स्थापना की गई है, जो महिलाओं द्वारा संचालित और उनके लिए ही बनी है। यह कंपनी, बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की तर्ज पर शुरू की गई है, जो महिला सशक्तिकरण और पशुपालन के क्षेत्र में एक मिसाल बन रही है।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल
गोरखपुर मंडल के 400 गांवों से जुड़ी 14,000 से अधिक महिला पशुपालक सदस्य बन चुकी हैं। इस पहल से न केवल महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, बल्कि वे अब दूध उत्पादन और संग्रह के कार्य से अपनी आर्थिक स्थिति में भी सुधार ला रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल को राज्यभर में फैलाने का निर्देश दिया है, ताकि उत्तर प्रदेश में महिलाओं का सशक्तिकरण और पशुपालन में उनकी भागीदारी बढ़े।
दुग्ध संग्रह और आपूर्ति
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा प्रतिदिन 48,000 लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा है। यह दूध मदर डेयरी को आपूर्ति किया जा रहा है। आगामी दो वर्षों में कंपनी का लक्ष्य है कि वे प्रतिदिन 3,00,000 लीटर दूध का संग्रह करें। इस विस्तार के तहत कंपनी के अधिकारियों और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से न केवल सदस्य संख्या बढ़ाई जाएगी, बल्कि दूध उत्पादन में भी वृद्धि की जाएगी।
कंपनी के संचालन की कार्ययोजना
इस कंपनी ने पिछले एक वर्ष में 400 गांवों में 7 मिल्क चिलिंग सेंटर्स (दूध अवशीतन केंद्र) स्थापित किए हैं, जहां सदस्य महिलाओं द्वारा संग्रहित दूध को प्रोसेस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन चिलिंग सेंटर्स का औपचारिक उद्घाटन किया था और आगामी दिनों में इनके विस्तार की योजना बनाई गई है।
महिला सशक्तिकरण में मील का पत्थर
इस कंपनी के माध्यम से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। अब तक 431 महिला शेयरहोल्डर लखपति दीदी बन चुकी हैं, जिनमें से दो महिलाएं तो 12 लाख रुपये तक की आय अर्जित कर चुकी हैं। यह पहल एक उदाहरण है कि कैसे एक छोटे से कदम से बड़े बदलाव संभव हैं।
शेयरहोल्डर बनने की प्रक्रिया
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की सदस्य बनकर महिलाएं इस पहल का हिस्सा बन सकती हैं। प्रत्येक महिला सदस्य को 50 रुपये प्रवेश शुल्क और कम से कम 5 शेयर लेने होते हैं। इसके बदले में उन्हें उनके द्वारा उत्पादित दूध का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाता है। सदस्य को प्रति वर्ष कम से कम 200 दिन और 500 लीटर दूध की आपूर्ति करनी होती है।
कंपनी की सुविधाएं और लाभ
कंपनी की महिला शेयरहोल्डर को पशु आहार, खनिज मिश्रण, कृत्रिम गर्भाधान, थनैला रोग जांच जैसी कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही, महिलाएं अपना दूध अधिक लाभकारी दरों पर बेच पा रही हैं, जो उनके लिए एक आर्थिक सहारा बन चुका है।