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Reading: पाकिस्तान में लोकतंत्र की अनदेखी, अमेरिकी चुप्पी और थाली में परोसा गया राजनीतिक एजेंडा
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पाकिस्तान में लोकतंत्र की अनदेखी, अमेरिकी चुप्पी और थाली में परोसा गया राजनीतिक एजेंडा

mahi rajput
Last updated: June 21, 2025 9:33 am
mahi rajput 3 months ago
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वाशिंगटन | 21 जून 2025

पाकिस्तान में लोकतंत्र की स्थिति पर जब पूरी दुनिया सवाल उठा रही है, तब अमेरिका समेत तमाम ताकतवर देश चुप्पी साधे हुए हैं। इमरान खान को जेल में रखने और शरीफ भाइयों को सत्ता में बनाए रखने के लिए की गई चुनावी धांधलियों पर अमेरिका के विदेश विभाग से एक शब्द भी नहीं निकला। यहां तक कि राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन भी इस मुद्दे पर चुप है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप को व्यापार और नोबेल पुरस्कार की फिक्र है। इस बीच, वाशिंगटन डीसी में पाकिस्तानी दूतावास में एक खास बैठक का आयोजन हुआ, जो इतनी गोपनीय थी कि उसमें शामिल मेहमानों की कोई तस्वीर तक सार्वजनिक नहीं की गई। केवल एक ही सार्वजनिक बयान जारी हुआ—मेनू कार्ड, जिस पर बड़े अक्षरों में लिखा था: “सभी भोजन हलाल हैं”, ताकि कोई फील्ड मार्शल बारीक अक्षरों को न चूक जाए। दरअसल, वह कुलीन स्कूलों में नहीं गया था और उसे बार-बार यह साबित करना होता है कि वह इस मंच के योग्य है।

बैठक का पहला कोर्स मेहमानों को नरम करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया था—बकरी पनीर गेटौ, टमाटर जैम, बटरमिल्क बिस्किट क्रम्बल्स और युवा वेरिएगेटेड लेट्यूस। मेन कोर्स में परोसा गया स्प्रिंग लैम्ब का रैक, जले हुए सिपोलिनी सूबिस, कैरोलिना गोल्ड राइस और जामबाला—जिसका मकसद मेहमानों में आत्म-महत्व की भावना को चरम पर पहुंचाना था। मीठे के साथ शुरू हुई पाकिस्तान की महानता की मुनादी—नेक्टराइन टार्ट और आइसक्रीम के साथ बाबाजी ने अपने संवाद में स्पष्ट संकेत दिए। जब पूछा गया “क्या आप ईरान को लंच पर ला सकते हैं?”, तो असीमों ने उत्तर दिया: “मेरा देश आपका देश है, मेरा बलूचिस्तान आपका बलूचिस्तान है, मेरी खुफिया जानकारी आपकी खुफिया जानकारी है।” संतुष्ट होकर वह ‘साधक’ कमरे से बाहर चला गया और कैमरे पर आकर नया मंत्र दोहराया—”पाकिस्तान महान है।”

इसके बाद उत्साहित और आत्ममुग्ध फील्ड मार्शल पाकिस्तानी दूतावास में अपने अगले कार्यक्रम की ओर बढ़े, जहां पूर्व राजदूतों, चार अमेरिकी कांग्रेसी सहयोगियों और पांच पश्चिमी पत्रकारों के साथ डिनर रखा गया था। पाकिस्तानी पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किया गया। इस डिनर की एक अनूठी शर्त थी—खाना खाने से पहले मेहमानों को “गाना” था, यानी फील्ड मार्शल का भाषण सुनना था। उन्होंने 90 मिनट का भाषण दिया जिसका शीर्षक था—”गरीब पाकिस्तान, दुष्ट भारत: बहुत ही चुनिंदा और संशोधनवादी इतिहास”, जिसमें ट्रंप की “अविश्वसनीय महानता” के अंश भी जोड़े गए। उन्होंने मेज पर मुक्का मारा, गालियां दीं और चेतावनी दी कि अगर भारत ने पानी रोका, तो वे बदला लेंगे।

दर्शक ऊब चुके थे और पसीने से तरबतर थे, क्योंकि दूतावास में एयरकंडीशनिंग काम नहीं कर रही थी—कुछ वैसा ही हाल जैसा पाकिस्तान में लोकतंत्र का है। लेकिन मुनीर का काम खत्म नहीं हुआ था। मेहमानों को कुछ प्रचार वीडियो भी दिखाए गए—”पाकिस्तान आइए, पुराने ‘हिप्पी ट्रेल’ को फिर से खोजिए, और नई नशे की लत आज़माइए, क्योंकि भांग अब बीते जमाने की बात हो चुकी है।”

TAGGED:अमेरिकी चुप्पी और थाली में परोसा गया राजनीतिक एजेंडापाकिस्तान में लोकतंत्र की अनदेखी
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