
अशरफ अंसारी
इटावा, 27 सितंबर 2025 :
यूपी के इटावा जिले की नगरपालिका के वरिष्ठ लिपिक राजीव यादव का शव यमुना नदी से खोज लिया गया। इसके बाद बेटे ने अंतिम संस्कार से इंकार करते हुए पुलिस अफसरों के सामने अपनी मांग रखी। उसका कहना था कि पिता ने नगर पालिका चेयरमैन उसके पति व ईओ के उत्पीड़न से तंग आकर जान दी है। चेयरमैन पति से उसको भी जान का खतरा है। वो अपराधी किस्म का है उसका हाल भी अतीक जैसा हो। पुलिस अफसरों ने उसे आश्वासन देकर किसी तरह मनाया तब अंतिम संस्कार हो सका।
बता दें कि नगर पालिका इटावा में वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात नखासा निवासी राजीव यादव ने यमुना नदी में छलांग लगा दी थी। खुदकुशी से पहले उसने दो पेज का सुसाइड नोट छोड़ा था। सीएम को सम्बोधित इस दो पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि वह लंबे समय से नगर पालिका की अध्यक्ष ज्योति गुप्ता पर वरिष्ठता क्रम के मुताबिक कार्यालय अधीक्षक के पद पर प्रमोशन न देने का आरोप लगाया था। ये भी कहा था कि जब उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की तो उनका वेतन रोक दिया गया। उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने अपनी मौत के लिए नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति गुप्ता, उनके पति कुलदीप गुप्ता उर्फ संटू, ईओ संतोष कुमार मिश्रा, उत्तम सिंह सिंगर और सुनील वर्मा को जिम्मेदार ठहराया।
फिलहाल वरिष्ठ लिपिक राजीव यादव का शव 24 घंटे की मशक्कत के बाद शनिवार को एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने जरहोली के पास यमुना नदी से खोज निकाला। शव मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। शव मिलने के बाद मृतक के बेटे सिद्धार्थ अर्जुन ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। उसने प्रशासन से मांग की कि जिस तरह से माफिया अतीक अहमद के खिलाफ कार्रवाई हुई थी, उसी तरह नगर पालिका अध्यक्ष के पति कुलदीप गुप्ता के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए। जैसे उसके पिता के साथ हुआ है उसी तरह मुझे भी जान का खतरा है। कुलदीप आपराधिक किस्म का व्यक्ति है।
सीओ सिटी अभय नारायण राय ने मृतक के बेटे को समझाने का प्रयास किया और आश्वासन दिया कि सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। लिखित प्रार्थना पत्र मिलने पर पुलिस आवश्यक कार्रवाई करेगी। आश्वासन के बाद सिद्धार्थ ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।