लखनऊ, 12 दिसंबर 2025:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अब तेजी से हकीकत बन रहा है। रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ शुरू इस महत्वाकांक्षी परियोजना में अब तक 62 कंपनियों को 977.54 हेक्टेयर से अधिक जमीन दी जा चुकी है। इन कंपनियों की ओर से लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश और 14 हजार से ज्यादा रोजगार की संभावनाएं तय हो चुकी हैं। इसी बीच 110 नई कंपनियों के साथ एमओयू की प्रक्रिया भी जारी है, जिनसे करीब 23 हजार करोड़ रुपये के निवेश और 38 हजार नौकरियों की उम्मीद है।
यूपीEDA ने कॉरिडोर के छह नोड्स अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट और आगरा में कुल 2,097 हेक्टेयर जमीन को मंजूरी दी है, जिसमें से 2,040 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। वर्तमान में 1,598.92 हेक्टेयर जमीन आवंटन के लिए उपलब्ध है। अलीगढ़ में सबसे ज़्यादा 24 कंपनियों को जमीन मिली है। कानपुर में पांच कंपनियों को 210 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित हुई है। झांसी में 17 कंपनियों को 571 हेक्टेयर जमीन दी गई है, जबकि लखनऊ में 16 कंपनियों को 131 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि सौंपी जा चुकी है। चित्रकूट, अलीगढ़ फेज-2 और आगरा नोड में भी जमीन आवंटन प्रक्रिया जल्द शुरू होने जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में इस परियोजना के लिए अब तक 197 एमओयू साइन हुए हैं, जिनमें 172 उद्योगों से जुड़े हैं। इन एमओयू के जरिए 34,844 करोड़ रुपये का निवेश और 52,658 रोजगार सृजन की संभावनाएं बन रही हैं। अगले चरण में 110 कंपनियों के साथ एमओयू की तैयारी चल रही है, जिनसे 22,847 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश और 38 हजार से अधिक रोजगार मिलने का अनुमान है।
यूपीडा के एसीईओ एचपी शाही का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी के विजन की वजह से यूपी डिफेंस कॉरिडोर तेजी से आगे बढ़ रहा है। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का स्थापित होना इस परियोजना की रणनीतिक अहमियत को और बढ़ाता है। रक्षा उत्पादन के मामले में यूपी अब गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों को चुनौती दे रहा है। आने वाले समय में और बड़े निवेश की घोषणाएं होने की उम्मीद है, जिससे यूपी के ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को भी मजबूती मिलेगी।






