Uttar Pradesh

ज्ञानवापी के बंद तहखानों का सर्वेक्षण: स्वयंभू ज्योतिर्लिंग की प्रमाणिकता की जांच पर निर्णय

वाराणसी, 20 अक्टूबर 2024

उत्तर प्रदेश में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बंद तहखानों समेत पूरे परिसर, खासकर केंद्रीय गुंबद के नीचे टनल बनाकर ASI से सर्वे कराने की हिंदू पक्ष की अर्जी पर शनिवार को सुनवाई पूरी हो गई। करीब छह महीने तक सुनवाई चली। अदालत ने आदेश के लिए 25 अक्‍टूबर की तिथि नियत की है।

सिविल जज (सीनियर डिविजन, फास्‍ट ट्रैक) युगुल शंभू की अदालत में बंद तहखानों समेत पूरे परिसर का ASI से सर्वे कराने की अर्जी पर शनिवार को हुई सुनवाई में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के अधिवक्‍ताओं ने हिंदू पक्ष यानी वाद मित्र की ओर से उठाए गए बिंदुओं पर पक्ष रखा। अधिवक्‍ता रईस अहदम, एखलाक अहमद और मुमताज अहमद ने कहा कि अदालत के पूर्व आदेश के अनुपालन में ASI ने आराजी नंबर 9130 का सर्वे कर रिपोर्ट दाखिल कर दी है।

ऐसे में अतिरिक्‍त सर्वे की मांग का औचित्‍य नहीं है। इस मुकदमे में हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में अतिरिक्‍त सर्वे का निर्देश नहीं दिया है। ASI सर्वे रिपोर्ट पर हिंदू पक्ष ने न कोई आपत्ति दाखिल की है और न ही अभी तक अदालत में इस पर सुनवाई हुई है। पहले हुए सर्वे रिपोर्ट के डिस्‍पोजल के बिना अतिरिक्‍त सर्वे कराने की हिंदू पक्ष की ओर से अर्जी देना कानूनन गलत है।

खुदाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

ASI यह साफ कर चुकी है कि 50-60 फीट गहराई तक GPR से सर्वे किया जा सकता है। ऐसे में केंद्रीय गुंबद के नीचे सौ फीट गहराई में सर्वे का सवाल नहीं उठता है। जहां तक वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति का सर्वे कराए जाने की मांग है तो इसे सुप्रीम कोर्ट ने संरक्षित करने का आदेश दिया है। ऐसे में इसका सर्वे भी नहीं हो सकता है।

स्‍वयंभू ज्‍योतिर्लिंग की प्रमाणिकता के लिए सर्वे जरूरी

इससे पहले ज्ञानवापी के मालिकाना हक को लेकर 1991 में दाखिल मूल वाद के वाद मित्र विजय शंकर रस्‍तोगी ने बहस में मस्जिद के केंद्रीय गुंबद के ठीक नीचे स्‍थापित 100 फुट के स्‍वयंभू ज्‍योतिर्लिंग और विशाल अरघे की प्रमाणिकता के लिए फिर सर्वे कराए जाने को जरूरी बताया था। कहा कि मस्जिद को नुकसान पहुंचाए बिना 4X4 फुट की सुरंग बनाकर सर्वे कराया जाए। उन्‍होंने यह भी कहा था कि ज्ञानवापी के वजूखाना और उसमें मिली शिवलिंग जैसी आकृति के सर्वे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बाधा नहीं है। जहां तक आराजी 9130 के अलावा 9131 एवं 9132 के सर्वे करने का प्रश्न है तो सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत के आठ अप्रैल 2021 के आदेश में स्पष्ट है कि ASI को तीनों प्लाट का सर्वे करना था।

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