आगरा,11 जनवरी 2025
हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल करने पर आगरा पुलिस की भारी फजीहत हुई। मामला थाना सदर मधु नगर का है, जहां 2018 में अंकुश शर्मा ने मनोज कुमार को तीन लाख रुपये उधार दिए थे। मनोज ने रुपये लौटाने के लिए चेक दिए, जो दो बार बाउंस हो गए। अंकुश ने 2019 में न्यायालय में वाद दायर किया। अदालत ने मनोज को समन और गैर जमानती वारंट जारी किए, लेकिन थाना सदर पुलिस ने उन्हें तामील नहीं कराया। बाद में अंकुश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसके जवाब में पुलिस ने झूठा हलफनामा दाखिल कर दिया कि उन्हें कोई समन या वारंट नहीं मिला।
इस झूठ की पोल तब खुली जब हाईकोर्ट ने आगरा की अदालत से समन और वारंट की जानकारी मांगी। इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को तलब किया, लेकिन उनकी जगह एडिशनल सीपी पहुंचे, जिससे कोर्ट की नाराजगी और बढ़ गई। सख्ती के बाद पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ खुद हाईकोर्ट पहुंचे और गलती स्वीकार की। मामले में थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया। कोर्ट ने पुलिस की गलती पर सख्त टिप्पणी करते हुए मामले को निस्तारित कर दिया।