अमित मिश्र
महाकुंभ नगर, 22 फरवरी 2025:
प्रयागराज महाकुंभ में संगम के जल का वैज्ञानिक परीक्षण करने के बाद चर्चा में आए पद्मश्री डॉ. अजय सोनकर ने गंगा जल की स्वच्छता को लेकर एक महत्वपूर्ण दावा किया है। उनका कहना है कि गंगा के पानी में बेक्टीरियोफेज नाम का वायरस पाया जाता है, जो पानी में मौजूद सभी प्रकार के बैक्टीरिया को नष्ट करके उसे स्वच्छ बनाए रखता है।
डॉ. अजय सोनकर ने अपनी लैब में माइक्रोस्कोप की स्क्रीन पर दिखाया कि कैसे बेक्टीरियोफेज अन्य हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करता है। उन्होंने इसे “बेहद दुर्लभ तस्वीर” बताते हुए कहा कि यह दृश्य यह समझाने के लिए पर्याप्त है कि गंगा का जल कैसे स्वयं को शुद्ध रखता है।
डॉ. सोनकर ने यह भी कहा कि यदि गंगा का पानी वास्तव में अशुद्ध होता, तो कुंभ स्नान के बाद देशभर के अस्पताल श्रद्धालुओं से भरे होते। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “जब हम गंगा में स्नान करते हैं, तो हमारा शरीर उस जल को अवशोषित करता है। भले ही हम उसे पीते नहीं हैं, लेकिन वह हमारे शरीर में जाता है। अगर स्नान करने से कोई बीमार नहीं हो रहा है, तो पानी पीने से भी कोई हानि नहीं होगी।”
उनके इस वैज्ञानिक विश्लेषण ने गंगा जल की शुद्धता और इसके औषधीय गुणों पर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञ अब इस दावे की व्यापक वैज्ञानिक जांच करने की बात कर रहे हैं।