लखनऊ: 16 अगस्त, 2024
उत्तर प्रदेश पर्यटन ने मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत आवेदन आमंत्रित किया है। ऐसे युवा जिनकी उम्र 40 वर्ष तक है और वह स्नातक हैं, आवेदन कर सकते हैं। शोधार्थियों को पारिश्रमिक के अलावा क्षेत्र भ्रमण के लिए धनराशि का भुगतान भी किया जाएगा। इच्छुक अभ्यर्थी विभाग की वेबसाइट uptourism.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2024 है।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने कहा युवाओं के लिए पर्यटन से जुड़े कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। यह क्षेत्र बड़ी संख्या में रोजगार का अवसर सामने ला रहा है। इसका लाभ युवाओं तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। फेलोशिप कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य शोधार्थियों को पर्यटन विभाग द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के पर्यवेक्षण, अनुश्रवण व पारिस्थितिकी से जुड़े स्थलों का सर्वांगीण विकास करना है। साथ ही, योजनाओं का मूल्यांकन, संरचना, मेले-महोत्सवों की रूपरेखा तैयार कराने, पर्यटन क्षेत्र के अंतर्गत राजस्व वृद्धि एवं भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप पर्यटन क्षेत्र अंतर्गत योजनाओं की संरचना के कार्यों में पूर्ण सहभागिता का अवसर प्रदान करना है। विभिन्न राज्यों एवं देशों द्वारा की जाने वाली नवीन गतिविधियों का अध्ययन व सुझाव विभाग को प्रस्तुत किए जाने का लक्ष्य है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि आवेदन के लिए मान्यता प्राप्त संस्थानों या विश्वविद्यालयों से न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक अथवा उच्च शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। आवेदन पत्र में सूचीबद्ध किसी भी क्षेत्र में प्रासंगिक कार्य का अनुभव तथा बीबीए, एमए, एमफिल, पीएचडी, टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, एमबीए-हॉस्पिटैलिटी टूरिज्म एंड ट्रैवल, पीजी डिप्लोमा-ट्रैवल एंड टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन एवं पुरातत्व में डिग्री या डिप्लोमा को वरीयता दी जाएगी। चयनित शोधार्थी की संबद्धता अवधि एक वर्ष रहेगी। उपयोगिता व आवश्यकता के हिसाब संबद्धता एक वर्ष के लिए बढ़ाई जा सकती है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम अवधि के दौरान शोधार्थियों द्वारा जिलाधिकारी, मंडलायुक्त तथा संबंधित पर्यटन विभाग के अधिकारी के पर्यवेक्षण के रूप में कार्य करना होगा। शोधार्थी द्वारा प्रदेश के भ्रमण पर आने वाले तीर्थयात्रियों, पर्यटकों के आंकड़ों का संकलन तथा पर्यटकों द्वारा की गई शिकायतों के निराकरण पर आवश्यक सहयोग प्रदान करना होगा। योजनाओं के कार्यान्वयन में आ रही चुनौतियों तथा पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए सुझाव भी देना होगा। इसके अलावा सौपे गये अन्य कार्यों को भी करना होगा।