वाराणसी, 26 सितंबर:
अंशुल मौर्य,
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 46वां दीक्षांत समारोह बुधवार को गांधी अध्ययन पीठ सभागार में संपन्न हुआ। अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि 103 साल पुराने व ऐतिहासिक महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में उपस्थित होना गौरव की बात है। इस बार 18 मेधावियों को (छह छात्रों को व 12 छात्राओं को) गोल्ड मेडल दिए गए। छात्राएं हर जगह आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लड़कियां सरकारी विद्यालयों में पढ़ती हैं, जबकि लड़के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाली लड़कियां विश्वविद्यालयों में गोल्ड मेडल प्राप्त कर रहीं हैं और तेज गति से आगे बढ़ रहीं हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि यह अवसर अपने माता-पिता का ऋण अदा करने का है। कहा कि जब आप व्यावहारिक जीवन में जाते हैं तो कई समस्याओं का समाधान हमारे पाठ्यक्रम में नहीं होता है, इसके लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत होती है। सामाजिक चुनौतियां किसी पाठ्यक्रम में नहीं होतीं। आपको समस्या से भागना नहीं है, समस्या से जीतना है।
राज्यपाल ने बताया की इस वर्ष शिक्षा का बजट 1.48 लाख करोड़ दिया गया है, जिसका सभी को फायदा लेना चाहिये। अगले पांच वर्षों में भारत के एक करोड़ विद्यार्थियों को देश की शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप करने को मौका दिया जाएगा जिससे उनको उचित जगह कार्य करने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि कौशल विकास हेतु मिलने वाले 7.5 लाख के ऋण का उचित लाभ आप सभी लें। उन्होंने डिग्री प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों से आगे व्यावहारिक जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहते हुए सभी संभव प्रयास करने को कहा। उन्होंने आने वाले वर्षों में होने वाले बदलाव के लिए विद्यार्थियों को तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सार्थक दिशा में होना चाहिये। ऊर्जा की बचत के लिए उन्होंने बिजली, पानी बचत के लिए लगातार प्रयास करने को भी कहा।
उन्होंने कहा की उत्तर प्रदेश के 33 विश्वविद्यालय को समर्थ पोर्टल से जोड़ते हुए 200 करोड़ की बचत की गयी है। उन्होंने सभी से विश्वविद्यालय में तैयार संगीत थैरेपी केंद्र का सभी को फायदा लेने को कहा। उन्होंने कहा कि मां के गर्भ में पल रहे शिशु को भी संगीतमय वातावरण देना चाहिये। माताओं द्वारा बच्चों को लगातार उचित संस्कार देने, सही गलत की पहचान करने का ज्ञान दिया जाता है। उन्होंने ग्रीन आर्मी द्वारा नशामुक्ति के लिए मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, वाराणसी तथा आस-पास के जिलों में किए जा रहे प्रयासों की प्रसंशा की। उनके द्वारा बिना किसी पैसे के समाज सेवा के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने विद्यापीठ के अध्यापकों से सात से नौ अक्टूबर को होने वाले नैक टीम के दौरे के दौरान पूरी तैयारी करने को कहा ताकि विश्वविद्यालय उच्च ग्रेड प्राप्त कर सके। अंत में उन्होंने सभी से संकल्प के साथ आगे बढ़ने को प्रेरित करते हुए सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की।
इससे पहले दीक्षांत समारोह की शुरुआत शैक्षिक शिष्ट यात्रा से हुई। इसके बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, राष्ट्र रत्न शिव प्रसाद गुप्त एवं भारत रत्न आचार्य भगवान दास जी की प्रतिमा पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया। मुख्य अतिथि पावर ग्रिड कापोर्रेशन के सीएमडी आरके त्यागी ने कहा कि बुद्ध के समय से काशी शिक्षा का केंद्र रही है। उन्होंने कहा की राष्ट्र उत्थान में आप सभी अपना योगदान दें। उन्होंने 2047 तक भारत के विकसित होने के लक्ष्यों में शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि केवल शिक्षा डिग्री प्राप्त करना नहीं बल्कि अपनी जड़ों को मजबूत करना ही असली शिक्षा का उद्देश्य है। उन्होंने नेल्सन मंडेला के प्रसिद्ध कोट “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं” को उल्लिखित किया। उन्होंने पावर ग्रिड के द्वारा राष्ट्र उत्थान में किए जा रहे प्रयासों को भी उल्लेखित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल धन प्राप्त करना और सफल होना नहीं है, बल्कि आप समाज को क्या योगदान देते हैं तथा जो आपको स्वतः संतुष्टि दे वही असली शिक्षा है।
अति विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि काशी आदिकाल से शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, विवेक, संस्कृतिक चेतना, मानवता की भूमि रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर देश के लिए मरने वाले लोग हैं, दूसरी ओर सिर्फ अपना और अपने परिवार के बारे में सोचने वाले हैं। एक तरफ भारत माता की जय बोलने वाले हैं, दूसरी तरफ गर्दन कटा देंगे लेकीन भारत माता की जय नहीं बोलने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि काशी की जनता को सोचना होगा कि देश किस ओर जायेगा। उन्होंने राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने के लिए किये जा प्रयासों को सराहते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश शिक्षा का हब बन चुका है तथा सर्वाधिक नैक ग्रेड प्राप्तकर्ता विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में हैं। विशिष्ट अतिथि प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रागिनी तिवारी ने कहा कि विद्यार्थियों को बिना घबराये अपने लक्ष्य के प्रति बिना किसी नकारात्मक भावना के चुनौतियों से लड़ते हुए आगे बढ़ना चाहिए। ज्ञान ही शक्ति है। इसी के आधार पर आप राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान दें तथा आप अपने अंदर विनीत भाव लाते हुए प्रधानमंत्री के 2047 तक भारत के विकसित होने के लक्ष्य को प्राप्त करें।
समारोह की शुरूआत में काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को कुलाधिपति के समक्ष रखा। उन्होंने कुलाधिपति के प्रति विश्वविद्यालय को लगातार समय देने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में अतिथियों द्वारा महात्मा गांधी, पं. दीनदयाल और डा. आंबेडकर के विचारों पर आधारित एक स्मारिका’ तथा ‘गांधी, आंबेडकर और दीनयाल’ पुस्तक का विमोचन किया गया।
18 छात्रों को मिला स्वर्ण पदक, हजारों को दी गई उपाधियां
महमात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 46वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा कुल 18 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। बीकॉम से अंकिता, बीएड से सुनील सिंह यादव, बीम्यूज से सोर्मेंद्र आर्य, बीएएलएलबी से आयुषी मिश्रा, बीबीए से अंजली श्रीवास्तव, बीसीए से दीक्षा मिश्रा, और बीए मासकॉम से प्रीति खन्ना को स्वर्ण पदक मिला। स्नातकोत्तर स्तर पर एमए गांधी विचार से आकाश प्रताप सिंह, एमए संपोषी ग्रामीण विकास से प्रज्ञा सिंह, एमए इतिहास से कुसुम पटेल, एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार से विदुषी वर्मा, एमएसडब्ल्यू से सौम्या राय, एमए सांख्यिकी से प्रखर गुप्ता, एमएससी कृषि एक्सटेंशन से कविश्वर देव पांडेय, एमएससी कृषि मृदा विज्ञान से प्रगति सिंह, और एमएससी कृषि एग्रोनॉमी से प्रिया सिंह को स्वर्ण पदक से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त, उत्कृष्ट खिलाड़ी सौरभ कुमार यादव (अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय किक बॉक्सिंग) और आकांक्षा वर्मा (अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय कराटे) को भी सम्मानित किया गया। इस समारोह में 97,350 छात्रों को उपाधियां दी गईं, जिनमें स्नातक के 78,196 (41,474 छात्र और 36,722 छात्राएं), स्नातकोत्तर के 19,056 (5,577 छात्र और 13,479 छात्राएं), और पीएचडी के 98 (53 छात्र और 45 छात्राएं) शामिल थे।
बिजली दुर्व्यवस्था पर खिन्न दिखीं राज्यपाल
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 46वें दीक्षांत समारोह के समय दो बार बिजली कट गई और राज्यपाल को जो माइक दिया गया वो भी खराब था। लिहाजा, राज्यपाल को बिना माइक के ही दीक्षांत कार्यक्रम के शुरूआत की घोषणा करनी पड़ी। वहीं, दुखी मन से कुलपति माइक लौटाते नजर आए। इस दुर्व्यवस्था से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल काफी दुखी नजर आई।
भारत माता मंदिर देख राज्यपाल हुई अभिभूत
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बुधवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह के पश्चात भारत माता मंदिर पहुंची और मंदिर में संगमरमर पर उकेरे गए अविभाजित भारत का त्रिआयामी भौगोलिक मानचित्र का दृश्यावलोकन कर भाव विभोर हुई। उन्होंने मौके पर ललित कला केंद्र में आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस दौरान काशी विद्यापीठ के कुलपति द्वारा उन्हें अंगवस्त्रम् एवं स्मृति चिह्न भी प्रदान किया गया। राज्यपाल के साथ उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय तथा उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी भी साथ रही। भारत माता मंदिर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रांगण में है। इसका निर्माण डा. शिवप्रसाद गुप्त ने कराया और उद्घाटन सन 1936 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा किया गया।