“जालौन पुलिस ने अजगर के साथ पकड़े ‘तस्कर’, बाद में खुलासा – ये तो वन विभाग की टीम थी!”

mahi rajput
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जालौन,20 अक्टूबर 2024

उत्तर प्रदेश के जालौन में एक अजीबोगरीब घटना घटी। यहां पर एक गांव में अजगर निकलने पर ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी, लेकिन मौके पर सरकारी गाड़ी न होने पर टीम प्राइवेट स्कॉर्पियो से सवार होकर गांव पहुंच गई और अजगर का रेस्क्यू कर उसे जंगल में छोड़ने चली गई, लेकिन रात के वक्त वहां से गुजर रहे राहगीरों ने प्राइवेट गाड़ी से हाथ में बोरा लिए कुछ लोगों को देखा तो उन्हें शक हुआ और डायल-112 पर पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने टीम के लोगों को तस्कर समझ कर पकड़ लिया। हालांकि, बाद में अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद टीम को छोड़ा गया।

दरअसल, कदौरा थाना क्षेत्र के ग्राम नजीरपुर के पास शनिवार को एक सड़क के किनारे किसानों को अजगर दिखाई दिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारी संजय माथुर को दी। उन्होंने टीम को भेजा, लेकिन मौके पर सरकारी गाड़ी नहीं होने के कारण उन्होंने टीम को अपनी प्राइवेट गाड़ी (स्कॉर्पियो) से रवाना किया। वन विभाग की टीम में वन दारोगा सत्येंद्र सचान, उनके दो सहयोगी अमरेंद्र सिंह और महबूब अली ने अजगर को पकड़ लिया। उसे एक बोरे में बंद कर लिया और उसे लोदीपुर जंगल में छोड़ने के लिए चले गए।

वन अधिकारियों से पूछताछ के बाद टीम को छोड़ा गया

देर रात वहां से गुजर रहे राहगीरों ने देखा कि सड़क किनारे गाड़ी खड़ी है और दो-तीन संदिग्ध लोग बोरा लिए हुए हैं। जिसकी सूचना पुलिस को दे दी। थाना प्रभारी प्रभात कुमार सिंह ढूंढते हुए उसी स्थान पर पहुंच गए और उन्होंने बोरे के साथ वन विभाग की टीम को पकड़ लिया। उनसे पूछताछ पर टीम ने थाना प्रभारी को पूरी घटना की जानकारी दी। वहीं, क्षेत्रीय वन अधिकारी संजय माथुर ने बताया कि गलतफहमी और गलत सूचना पर पुलिस परेशान होकर पहुंची थी। टीम ने अजगर को जंगल में छोड़ दिया है और टीम को भी बातचीत के बाद छोड़ दिया गया था।

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