नयी दिल्ली, 23 सितंबर, 2024:
कु० स्मृति,
करोल बाग दिल्ली के पुराने बाजार रिहायशी इलाकों में शुमार हैं। यहां समस्याओं का अंबार इतना है कि लोग अब इसे समस्याओं का बाग कहने लगे हैं। फुटपाथ से लेकर सड़क और दुकानें कब्जे में हैं। स्थिति यह है कि वाहन तो दूर यहां पर पैदल चलना भी मुश्किल है। पैदल का रास्ता 20-25 मिनट का है, लेकिन वह तय होता है 45 मिनट में। वाहन से जो दूरी मात्र दो से तीन मिनट में तय हो सकती है, उसे दो-दो घंटे तक लग जाते हैं। न तो समस्या का समाधान हो पा रहा है और न ही अदालतों के आदेश का पालन हो रहा है।
ऐसा नहीं है कि दिल्ली नगर निगम से लेकर पीडब्ल्यूडी, दिल्ली पुलिस और यातायात पुलिस इस समस्या से अनभिज्ञ है, लेकिन समाधान के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई है। आर्य समाज रोड से लेकर सरस्वती मार्ग, बीडनपुरा, रैगरपुरा, बापा नगर, अजमलखां रोड, हरध्यान सिंह रोड पर समस्याओं का अंबार है। अजमल खां रोड का सुंदरीकरण हुआ इसे वाहन मुक्त भी किया गया, लेकिन अधिकारी बदले तो स्थिति फिर से पुरानी हो गई। वाहन मुक्त इस सड़क पर अवैध रूप से वाहन खड़े होने के साथ चल भी रहे हैं।
व्यापारी भी समस्याओं को प्रशासन के सामने उठाते-उठाते थक चुके हैं। यहां पर पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए व्यापारियों ने खुद शास्त्री नगर, बैंक स्ट्रीट में जगह सुझाई थी, लेकिन वह भी अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। इसकी वजह से समस्या जस की तस बनी हुई है। इससे प्रतिदिन लाखों लोग परेशान होते हैं।
कपड़ों से लेकर मोबाइल और आभूषण के साथ ही फर्नीचर की दुकानें हैं। जगह-जगह पर सड़क पर ही झुग्गियां बस गई हैं। सेंट्रल वर्ज पर भी कबाड़ से लेकर झुग्गियों का अतिक्रमण हो चुका है। लोगों ने भी दुकानें फुटपाथ और सड़क तक बना ली है जिससे पैदल से लेकर वाहन चलने वाले लोग परेशान होते हैं। खासकर त्योहार सीजन में तो और बुरा हाल हो जाता है।