मेरठ, 23 सितम्बर:
अनमोल,
जिस तरीके से लगातार लोग हाईटेक होते जा रहे हैं इस तरीके से अब ठग भी हाईटेक हो रहे हैं ऐसा ही एक मामला मेरठ में सामने आया है जहां पर एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी से मनी लॉन्ड्रिंग का खौफ दिखाकर लगभग 1 करोड़ 73 लाख रुपए की ठगी कर ली गई आरोप है कि 4 दिन तक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट भी किया गया और खाते में ऑनलाइन पैसे डलवाए गए , एक करोड़ 73 लाख रुपए देने के बाद बुजुर्ग को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी कर ली गई है इसके बाद बुजुर्ग की तरफ से मेरठ के साइबर थाने को एक तहरीर दी गई जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है
दरअसल मामला मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है जहां पांडव नगर में बुजुर्ग सूरज प्रकाश रहते है जो की रिटायर्ड बैंक कर्मचारी हैं । जिन्होंने मेरठ के साइबर थाने में जाकर एक तहरीर दी है जिसमें बताया है कि उनसे लगभग 1 करोड़ 73 लाख की ठगी कर ली गई है । तहरीर में बताया गया है की सूरज प्रकाश के पास 17 सितंबर को कॉल आई । जिसमे कॉलर ने खुद को टेलीकॉम विभाग से बताते हुए कहा कि आपके सभी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं। आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर कैनरा बैंक में एक खाता खोला गया है। जिसमें 6.80 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं।
इसके बाद उनके व्हाट्सएप नंबर पर कॉल आई। कॉलर ने उनके खिलाफ महाराष्ट्र में रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी। उन्हें जेल भेजने की धमकी देकर डराया। उन्हें घर से बाहर जाने और किसी से मिलने से रोका गया। आरोप है 18 सितंबर को उनसे एक बैंक खाते में एक बार 3.80 लाख और दूसरी बार 5 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। 20 सितंबर को एक बैंक खाते में 90 लाख रुपये, 21 सितंबर को एक बैंक खाते में 45 लाख रुपये और दूसरे बैंक खाते में 30 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। इस प्रकार टोटल 4 दिन में उनसे 1 करोड़ 73 लाख 80 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी कर ली गई । जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सूरज प्रकाश की तहरीर पर मेरठ के साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और मेरठ पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है फिलहाल पुलिस ने कार्यवाही करते हुए ठगी करने वाले लोगों के बैंक खाते सीज करने के लिए बैंक को पत्र लिखा है
वहीं इस पूरे मामले में मेरठ के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि साइबर थाने में आकर एक व्यक्ति ने सूचना दी कि उन को बताया गया कि उन पर महाराष्ट्र में एक मनीलॉन्ड्रिंगो का केस दर्ज किया गया है और उनसे कहा गया कि बचने के लिए उन्हें आरबीआई के एकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना होगा जो की जांच के बाद उनको वापस मिल जाएगा । इस बहकावे में आकर उन्होंने अपने एकाउंट से वह पैसा उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए और जब उन्हें आभास हुआ एकाउंट में ट्रांसफर करके उनके साथ कुछ गड़बड़ हुई है जिस पर उन्होंने साइबर थाने जाकर जानकारी दी , इस पर तत्काल आरोपी के एकाउंट को फ्रीज कराया गया है और साइबर थाने द्वारा इसमें दो टीम में गठित की गई हैं जिनको इस प्रकरण का अनावरण करने के लिए लगाया गया है एएसएसपी का कहना है कि आजकल ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें इस प्रकार का साइबर अपराध किया जा रहा है । जिसमें किसी भी व्यक्ति को फोन करके उनको यह बताया जाता है कि वह किसी अपराध मामले में लिप्त हैं इसे बचाने के लिए उन्हें पैसे संबंधित दिए गए एकाउंट में ट्रांसफर करने पढ़ेंगे जिससे उनका बचाव हो सके और लोग इनका शिकार बन जाते हैं और वह पैसे ट्रांसफर कर देते हैं और जब उनको महसूस होता है कि उनके साथ धोखा हुआ है जिसमें पुलिस तत्काल काम करती है परंतु आरोपी क्योंकि फोन के माध्यम से संपर्क करते हैं और अकाउंट भी बहुत दूर के स्थान पर होते हैं ऐसे में इन प्रकरण में जांच करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है । सभी से निवेदन है कि इस प्रकार ठगी में ना आए और इस प्रकार का कोई फोन आता है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें । एसएसपी ने बताया की ये साइबर अपराध होते हैं इसको डिजिटल अरेस्ट भी कहा जाता है