अमित मिश्रा
महाकुंभ नगर, 8 जनवरी 2025:
यूपी में महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन में पंच अग्नि अखाड़ा द्वारा आयोजित दिव्य कलश यात्रा एक प्रमुख आध्यात्मिक आकर्षण बन गई है। इसका उद्देश्य संगम की पवित्रता और आध्यात्मिकता को विश्वभर में प्रसारित करना है।
दिव्य कलश यात्रा का उद्देश्य
इस दिव्य यात्रा के दौरान संगम की पवित्र मिट्टी और जल को विशेष कलश में संग्रहित किया गया है, जिसे भारत सहित विश्व के विभिन्न कोनों में ले जाया जाएगा। श्री पंच अग्नि अखाड़ा के संतों ने कहा, “जो श्रद्धालु कुंभ में शामिल नहीं हो पाए, उनके लिए यह यात्रा एक आध्यात्मिक उपहार है।”
यात्रा की रूपरेखा और संदेश
महाकुंभ के पूरे आयोजन के दौरान यह दिव्य कलश यात्रा संगम क्षेत्र से प्रारंभ होकर विभिन्न स्थलों तक जाएगी। यात्रा के माध्यम से श्रद्धालुओं को संदेश दिया जा रहा है कि संगम का पवित्र जल और मिट्टी केवल धार्मिक प्रतीक नहीं हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक हैं।
भव्य शुभारंभ समारोह
कलश यात्रा के शुभारंभ पर एक भव्य शोभायात्रा आयोजित की गई, जिसमें श्रद्धालुओं और संतों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। शंखनाद और मंत्रोच्चार के साथ यात्रा का आरंभ किया गया। सभी कलशों को विशेष धार्मिक विधियों और अनुष्ठानों द्वारा पवित्र किया गया।
वैश्विक स्तर पर संगम का संदेश
श्री पंच अग्नि अखाड़ा का मानना है कि संगम की पवित्रता को केवल कुंभ तक सीमित नहीं रखा जा सकता। इस दिव्य यात्रा के माध्यम से संगम का जल और मिट्टी विश्वभर में भारतीय संस्कृति, धर्म और एकता का प्रतीक बनेंगे।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
कलश यात्रा का महत्व केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आयोजन लोगों को उनकी जड़ों और परंपराओं से जोड़ने का कार्य करता है। श्री पंच अग्नि अखाड़ा के संतों ने कहा, “संगम का जल केवल जल नहीं, यह ऊर्जा और जीवन का प्रतीक है, जो प्रत्येक स्थान को पवित्र करता है।”