गोरखपुर, 30 अगस्त
बहराइच में पकड़ा गया आदमखोर भेड़िया गोरखपुर चिड़ियाघर लाया गया है। रात 10:00 बजे वन विभाग की टीम ने इस भेड़िये को गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान में एक बाड़े में छोड़ा। डॉ. योगेश प्रताप सिंह की देखरेख में उसकी कल जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह पूरी तरह स्वस्थ है या नहीं। इससे पहले, भेड़िए के दो छोटे बच्चों को रेस्क्यू कर लखनऊ चिड़ियाघर भेजा जा चुका है, जबकि एक भेड़िया पहले ही मृत पाया गया था।
घटना का विवरण:
यह भेड़िया दो दर्जन से अधिक गांवों में आतंक का पर्याय बन चुका था।
अब तक पकड़े गए चार भेड़ियों में से एक की मौत हो चुकी है, जबकि दो को लखनऊ भेजा गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन: बहराइच के 35 से अधिक गांवों में आतंक का कारण बना यह आदमखोर भेड़िया वन विभाग की टीम द्वारा गुरुवार को रेस्क्यू कर लिया गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) संजय श्रीवास्तव के निर्देश पर टीम ने इस भेड़िये को गोरखपुर चिड़ियाघर पहुंचाया, जहां इसे क्वारंटाइन सेल में रखा गया है। इसके पहले, आठ तेंदुआ और एक बाघ का बच्चा भी रेस्क्यू कर यहां लाया गया था।
हाल के दिनों में इस भेड़िये ने बहराइच क्षेत्र में काफी आतंक मचा रखा था, जिसके हमलों से कई ग्रामीण घायल हो गए थे। वन विभाग की टीम अब तक चार भेड़ियों का रेस्क्यू कर चुकी है, जिनमें से एक की मौत हो गई है, और दो को लखनऊ चिड़ियाघर भेज दिया गया है। इससे पहले, विभिन्न स्थानों से आठ तेंदुआ और एक बाघ का बच्चा रेस्क्यू कर यहां लाया गया, जिनमें से तीन तेंदुओं का उपचार करने के बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया। लखनऊ भेजे गए नर और मादा भेड़िए अभी बच्चे हैं।
ट्रैकिंग और पकड़ने की प्रक्रिया: इस खतरनाक भेड़िये की तलाश थर्मल ड्रोन की मदद से की गई। भेड़िये के पैरों के निशान मिलने के बाद, वन विभाग की स्थानीय टीम ने इसे सिसैया गांव के कछार क्षेत्र से सुबह 10:45 बजे के करीब पकड़ने में सफलता हासिल की। अभी दो और भेड़ियों की तलाश जारी है।
भेड़िया के पैर के निशान दिख गए, फिर वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों की टीम ने तत्काल मुस्तैदी दिखाते हुए सुबह 10:45 बजे इसे सिसैया गांव के कछार से काफी मशक्कत के बाद पकड़ लिया। अभी दो और भेड़ियों की तलाश जारी है।
