झारखंड, 22 अक्टूबर, 2024
राजनीति में कब क्या हो जाये ये तो कोई नहीं जानता हैं वो कहते है ना कि ऊंठ किस करवट बैठेगा क्या पता ऐसा ही कुछ झारखड़ में बीजेपी के साथ हो रहा है । बता दे कि पिछली बार की तरह ही इस बार भी बीजेपी झारखड़ में कुछ अलग करना चाह रही थी वो लुईस मरांडी को बरेहट से उतारकर बड़ा खेल करने की फिराक में थी, लेकिन हेमंत ने पहले ही खेल कर दिया। बीजेपी छोड़ने के बाद लुईस ने कहा है कि मुझे चुनाव लड़ना है और हेमंत सोरेन जहां से कहेंगे, वहां से लड़ लूंगी. लुईस के दुमका या जामा से चुनाव लड़ने की चर्चा है।
जानकारी अनुसार विधानसभा चुनाव मे झारखड़ में होने वाले के दंगल के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा जेएमएम ने आधी रात को एक ऑपरेशन चलाया जिसे हेमंत सोरेन नाम दिया गया । इस ऑपरेशन के तहत करीब ना केलव लुईस मरांडी बल्कि और भी कई दिग्गज बीजेपी नेताओं को पार्टी में शामिल कराया गया है। इनमें बरेहट विधानसभा सीट से हेमंत सोरेन के खिलाफ बीजेपी के संभावित उम्मीदवार लुईस मरांडी का भी नाम शामिल हैं। बीजेपी ने लुईस मरांडी को हेमंत सोरेन की बरेहट सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन चुनाव से पहले ही उन्होंने जेएमएम का दामन थाम लिया। लुईस मरांडी दुमका सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। यहां से बीजेपी ने सुनील सोरेन को मैदान में उतारा है।
इस लिस्ट में और भी हैं कई नाम
ना केवल लुईस मरांडी बल्कि उनके अलावा सरायकेला से बीजेपी के पूर्व उम्मीदवार गणेश महली, बहरगोड़ा से पूर्व उम्मीदवार कुणाल षाडंगी, बास्को बेहरा, बारी मुर्मू और लक्ष्मण टुडू जैसे कुछ प्रमुख्य नेताओं का नाम भी इस लिस्ट में प्रमुख हैं। सारठ के पूर्व विधायक चुन्ना सिंह के भी पार्टी में शामिल होने की खबर है. चुन्ना सिंह टिकट न मिलने से नाराज चल रहे हैं।
2014 में दी थी हेमंत सोरेन को पटखनी
राजनीति में कई सालों से लगातार जुड़ी रही लुईस मरांड़ी छले 24 साल से बीजेपी से अपनी राजनीति पहचान बनाए हुए थी। लुईस मरांडी 2014 में तब सुर्खियों में आई थीं, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उन्होंने परंपरागत दुमका सीट पर पटखनी दी थी। बार दुमका में लुईस की बदौलत कमल खिल पाया था। घुबर दास की सरकार में लुईस मरांडी को मंत्री बनाया गया।