जालौर,2 जनवरी 2024
राजस्थान में भजनलाल सरकार के फैसले के बाद 9 जिलों और 3 संभागों को निरस्त किए जाने पर भाजपा के स्थानीय नेताओं की साख पर सवाल उठने लगे हैं। खासकर उन जिलों के नेताओं के लिए यह निर्णय मुश्किलें पैदा कर रहा है, जहां प्रशासनिक फैसले के खिलाफ विरोध हो रहा है। सांचौर जिले के निरस्तीकरण के बाद, पूर्व सांसद देवजी पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिले को यथावत बनाए रखने की मांग की है। उनका कहना है कि सांचौर का जिला बनने से प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार हुआ था और इससे अपराधों पर काबू पाया गया था, खासकर सीमा क्षेत्र होने के कारण मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगा था।
देवजी पटेल ने पत्र में यह भी बताया कि सांचौर जिला मुख्यालय से 240 किलोमीटर दूर है, जिससे स्थानीय लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए भारी परेशानी होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सांचौर को पुनः जिला घोषित किया जाए या फिर यहां एडीएम कार्यालय खोला जाए ताकि स्थानीय लोग आसानी से प्रशासनिक कार्यों को पूरा कर सकें। इसके अलावा, पटेल ने क्षेत्र की सुरक्षा और विकास के लिए सांचौर के महत्व को भी रेखांकित किया है, जिसमें नेशनल हाईवे, भारतमाला परियोजना, और खनिज संपदा की संभावना शामिल है।