नयी दिल्ली, 20 सितंबर, 2024:
कु० स्मृति,
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली सरकार के निर्धारित अवधि पूरी कर चुके पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर रखने से संबंधित दिशा-निर्देशों को चुनौती दी गई है।
लक्ष्मी नारायण की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कबाड़ घोषित हो चुके वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर रखने के संबंध में जारी दिशा-निर्देश को पिछली तारीख से लागू करना सरकार का मनमाना कदम है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का कदम याचिकाकर्ता की वैध अपेक्षाओं का उल्लंघन करता है और संविधान के अनुच्छेद 300ए के तहत
हासिल संपत्ति के अधिकार से वंचित करता है। इसमें कहा गया है कि वाहनों की स्थिति और उनके द्वारा किए जाने वाले वास्तविक उत्सर्जन पर ठीक से गौर किए बगैर वाहनों को कबाड़ घोषित करने के नियम लागू किए जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने फरवरी में जीवनकाल पूरा कर चुके वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर रखने से संबंधित नए दिशानिर्देश जारी किए थे। इसमें जब्त वाहनों को छोड़ने से पहले उनके मालिकों पर चार पहिया वाहनों के लिए दस हजार रुपये और दोपहिया वाहनों के लिए पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रविधान किया गया था। याचिका में कहा गया कि सरकार की ओर से कबाड़ घोषित हो चुके वाहनों को रखने के संबंध में मनमाने निर्देश दिए गए।