लखनऊ, 14 सितंबर,2024
साधु-संत भड़के सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान पर
उत्तर प्रदेश की जनता माफिया के इन दलालों को उचित समय पर जवाब देगी
मानसिक संतुलन खो बैठे अखिलेश को ईश्वर सद्बुद्धि प्रदान करें - संतों ने की प्रार्थना
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के मठाधीश माफिया वाले बयान पर यूपी में घमासान मच गया है. अखिलेश यादव के इस बयान को लेकर साधु संतों ने कड़ी नाराजगी जताई है.
आपको बतादे सूबे के साधु-संत बेहद नाराज नज़र आ रहे हैं. धर्माचार्यों ने अखिलेश पर आरोप मढ़ा कि मुख्तार-अतीक को गोद में बिठाने वाले मठाधीश- माफिया का अंतर और मठ-मंदिर की मर्यादा क्या जानेंगे। संतों ने कहना है कि अखिलेश यादव मानसिक संतुलन खो बैठे हैं ऐसे में ईश्वर उनको सद्बुद्धि प्रदान करें. मुल्ला मुलायम के बेटे अखिलेश मंद बुद्धि हैं उनका मठाधीश को माफिया से जोड़ना सही नहीं है.
मठाधीश की तुलना सनातन धर्म में भगवान से की गई है.
अखिलेश यादव का बयान बेहद निंदनीय है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी जिस गद्दी के पीठाधीश्वर हैं, वह बहुत पूज्यनीय है. मठाधीश तो सभी संत होते हैं, सबकी गद्दी होती है। अखिलेश यादव का ऐसा कहना गलत बात है। मठाधीश की तुलना सनातन धर्म में भगवान से की गई है। मठाधीश को माफिया से जोड़ना निकृष्टता का परिचायक है.
श्री पंचायती अखाड़ा उदासीन निर्वाण महंत दुर्गा दास
ईश्वर अखिलेश को सद्बुद्धि दें मठाधीश तो वो भी हैं, राज सत्ता वो भी चलाते हैं.अखिलेश अगर कह रहे हैं कि मठाधीशों और माफिया में कोई अंतर नहीं है तो पहले वह अपने को देखें. उन्होंने क्या किया है? जिसके पिता ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं, जिनके मंत्री श्रीराम के बारे उल्टी सीधी बातें करें। उनकी मंशा मठों के प्रति क्या होगी, यह सब समझ सकते हैं. भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें.
श्री मन:कामेश्वर मंदिर, आगरा महंत योगेश पुरी महाराज,
अखिलेश यादव मानसिक संतुलन खो बैठे हैं. जिसके पिता ने अपने शासन में अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं. उनका रक्त बहाया. जिन्होंने मुख्तार और अतीक अहमद जैसे माफिया को गोद में बिठाकर उनका संरक्षण किया, उन्हें मठाधीश और माफिया में फर्क कैसे समझ आएगा.
श्री पंचायती अखाड़ा महा निवार्णी यमुना पुरी, ( सचिव )
माफिया विध्वंस और मठाधीश सर्वे भवन्तु सुखिन: का भाव रखता है.अखिलेश यादव को लुटेरों व सज्जनों में अंतर नहीं पता है. यह तुलनात्मक दृष्टिकोण से तनिक भी ठीक नहीं है. माफिया विध्वंस-असामाजिक कार्यों में शामिल होता है और मठाधीश संस्कृति बचाने के लिए सार्वभौमिक जनकल्याण में लगा रहता है. उसका प्रथम ध्येय सर्वे भवन्तु सुखिन: होता है. मठाधीश भारतीय संस्कृति का संवर्धन करते हैं. यूपी का नेतृत्व कर चुके अखिलेश यादव का यह बयान अशोभनीय है.
हनुमानगढ़ी महराज वरुण दास जी
विश्व को शिक्षित-संस्कारवान बनाते हैं मठाधीश
जिस प्रदेश में सर्वाधिक संतों का निवास हैं, वहां के पूर्व मुख्यमंत्री का यह दुर्भाग्यपूर्ण बयान है. उन्हें मठाधीश व माफिया का अंतर बिल्कुल भी नहीं पता है. माफिया अराजकता फैलाकर समाज को पीड़ा देते हैं, जबकि मठाधीश मठ-मंदिर के माध्यम से संस्कार-संस्कृति फैलाते हैं और विश्व को शिक्षित-संस्कारवान बनाते हैं.
डॉ. देवेशाचार्य जी महाराज, हनुमानगढ़ी
अखिलेश यादव के विरुद्ध अभियान भी चलाएगा संत समाज
अखिलेश यादव का बयान राजनीति में नीचता की पराकाष्ठा है. राजनीति में दुष्चरित्र व्यक्तियों को परिवार मानने वाले से और क्या अपेक्षा की जा सकती है. यह सनातन धर्म व हिंदू धमार्चार्यों से उनकी नफरत को दशार्ता है. उत्तर प्रदेश की जनता माफिया के इन दलालों को ठीक समय पर जवाब देगी.आवश्यकता पड़ने पर संत समाज अखिलेश यादव के विरुद्ध अभियान भी चलाएगा.