अंशुल मौर्य
वाराणसी, 9 जनवरी 2025:
यूपी में सर्दियों के मौसम में एक बार फिर से वायरल संक्रमणों की चर्चा तेज हो गई है। इन दिनों चीन से फैले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) को लेकर लोगों में डर और चिंता देखी जा रही है। इसी बीच बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के प्रसिद्ध जीन वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने इस वायरस को लेकर कई अहम जानकारियां साझा की हैं, जिससे लोगों का भ्रम दूर हो सके।
प्रोफेसर चौबे ने बताया कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसे सबसे पहले 1991 में आइसोलेट किया गया था और 2001 में नीदरलैंड में पहचान मिली थी। यह मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और ठंड के मौसम में ज्यादा सक्रिय रहता है। इसके दो वैरिएंट हैं – ‘ए’ और ‘बी’।
कौन होते हैं HMPV के शिकार?
प्रोफेसर चौबे बताते हैं कि यह वायरस खासतौर पर 1 से 5 वर्ष के बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, जिनमें खांसी, गले में खराश, बुखार, नाक बहना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं।
कैसे फैलता है वायरस?
यह संक्रमण मुख्य रूप से खांसने या छींकने के दौरान हवा में मौजूद ड्रॉपलेट्स से फैलता है। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है या ऐसी जगह जाता है, जहां वायरस फैला हुआ है, तो संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
भारत में खतरे की कितनी संभावना?
प्रोफेसर चौबे ने स्पष्ट किया कि भारत में HMPV वायरस को लेकर ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “5 साल से कम उम्र के अधिकतर बच्चे पहले ही इस वायरस के संपर्क में आ चुके हैं, जिससे उनके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है।” हालांकि, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
क्या HMPV वायरस जानवरों से इंसानों में फैला है?
कोरोना वायरस के बाद कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या HMPV भी जानवरों से इंसानों में फैला है? इस पर प्रोफेसर चौबे ने बताया कि HMPV कोई ज़ूनोटिक वायरस नहीं है। यह लंबे समय से मानव समाज में मौजूद है और इसका प्रभाव उतना खतरनाक नहीं है जितना कोरोना जैसे वायरस का।
बचाव के लिए क्या करें?
प्रोफेसर चौबे ने कहा कि सतर्कता ही बचाव है।
• संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं।
• नियमित रूप से हाथ धोएं।
• भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें।
• इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए संतुलित आहार लें।
निष्कर्ष:
BHU के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे के अनुसार, HMPV वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। भारत में इस वायरस के फैलने की संभावना कम है। हालांकि, जागरूकता और सावधानी बरतना आवश्यक है ताकि संक्रमण से बचा जा सके।