लखनऊ, 5 नवंबर 2024:
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ के अंतर्गत अपराध और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई जारी है। इसके अंतर्गत प्रदेश का अभियोजन निदेशालय आधुनिक तकनीक के सहारे अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने में सफल हो रहा है। अब तक 80,000 से अधिक अपराधियों को प्रभावी पैरवी और उन्नत तकनीक का उपयोग कर जेल भेजा जा चुका है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ई-रिपोर्टिंग सिस्टम ऐप बना सहायक
अभियोजन विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ई-रिपोर्टिंग सिस्टम ऐप के माध्यम से साक्ष्य एकत्र करने और गवाही दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बना दिया है। भारतीय नागरिक संहिता-2023 के तहत, पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनके कार्यस्थल पर ही दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे समय और सरकारी धन की बचत हो रही है। अब तक 4,450 सरकारी गवाहों की गवाही दर्ज की जा चुकी है और 15 लाख रुपये की बचत के साथ वार्षिक अनुमानित बचत 7 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
सीएम डैशबोर्ड से जुड़ा ई-रिपोर्टिंग सिस्टम
अभियोजन निदेशालय ने डाटा एनालिटिक्स के जरिये ई-रिपोर्टिंग सिस्टम से केस की सटीक जानकारी और मजबूत साक्ष्य जुटाए हैं। इसके माध्यम से हर केस की प्रोफाइल बनाकर कंप्यूटर सिस्टम में सुरक्षित की जा रही है, जिससे मामलों में किसी भी गड़बड़ी की संभावना खत्म हो गई है। इस ऐप को मुख्यमंत्री डैशबोर्ड (दर्पण 2.0) से जोड़ने के बाद उच्च-स्तरीय समीक्षा भी अब अधिक प्रभावी हो गई है।
चिन्हित माफिया मॉनीटरिंग सिस्टम का प्रभाव
चिन्हित माफिया प्रबंधन प्रणाली मॉनीटरिंग ऐप के माध्यम से माफियाओं से जुड़े मामलों की प्रतिदिन की प्रगति पर नजर रखी जा रही है। इसके जरिये उन पर सख्त कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
ई-ऑफिस प्रणाली से पेपरलेस और समयबद्ध कार्यवाही
अभियोजन निदेशालय में पेपरलेस और समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली को अपनाया गया है। प्रथम चरण में इसे 18 परिक्षेत्रीय अपर निदेशक अभियोजन कार्यालय और 18 संयुक्त निदेशक अभियोजन कार्यालयों में लागू किया जाएगा।
ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल में यूपी बना अव्वल
उत्तर प्रदेश का अभियोजन निदेशालय ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर देश में लगातार तीन वर्षों (2021, 2022, और 2023) से शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। इस पोर्टल पर अब तक 75 लाख से अधिक न्यायिक कार्यवाहियों से संबंधित डाटा फीड किया जा चुका है।
अधिकारियों के विशेष प्रशिक्षण से कार्यकुशलता में बढ़ोतरी
अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकी उपकरणों और सॉफ्टवेयर के उपयोग का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे अभियोजन अधिकारियों की कार्यकुशलता और सटीकता में वृद्धि हुई है, जिससे वे अपनी जिम्मेदारियों को और भी प्रभावी ढंग से निभा पा रहे हैं।
अपराधियों पर नकेल कसने में अभियोजन विभाग की यह नई तकनीकी पहल अपराध नियंत्रण में प्रदेश को और मजबूती प्रदान कर रही है।