पटना, 28 मई 2025 —
बिहार विधानसभा चुनाव भले ही अभी पांच महीने दूर हों, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तैयारियों का बिगुल फूंक दिया है। पार्टी ने प्रदेश की हर विधानसभा सीट पर सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और टिकट वितरण की रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। इस बार टिकट वितरण में व्यक्ति नहीं, बल्कि जीतने की क्षमता को प्राथमिकता दी जाएगी।
बीजेपी ने तय किया है कि जिन मौजूदा विधायकों का प्रदर्शन लगातार दो सर्वेक्षणों में खराब रहा है, उनका टिकट कटना लगभग तय है। पार्टी ने साफ संकेत दिए हैं कि सर्वे में जिन नेताओं का नाम नहीं आएगा, उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा, चाहे वह कितना ही बड़ा चेहरा क्यों न हो।
ब्लॉक स्तर पर बैठकें चल रही हैं और हर सीट पर पार्टी की ताकत व कमजोरी का विश्लेषण किया जा रहा है। साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं का भी आकलन किया जा रहा है, ताकि सीट दर सीट सटीक रणनीति बनाई जा सके। बीजेपी ने सहयोगी दलों के साथ सीटों का बंटवारा सबसे आखिरी में करने का निर्णय लिया है।
पार्टी अपने और विरोधी दलों के संभावित बागियों की भी पहचान कर रही है। बीजेपी ने बिहार चुनाव को हर हाल में जीतने का लक्ष्य रखा है। पार्टी के लिए बिहार जीतना इसलिए भी अहम है क्योंकि यह विपक्षी गठबंधन की एक मजबूत कड़ी है और इसके नतीजों का असर आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है।
इसके अलावा, बीजेपी बिहार से बाहर रहने वाले दो करोड़ प्रवासी बिहारियों से संपर्क साधने की योजना बना रही है। इनमें वे लोग शामिल हैं जो या तो बिहार के वोटर हैं या बिहार के वोटरों को प्रभावित कर सकते हैं। अगले महीने से पार्टी प्रवासी बिहारियों से संपर्क अभियान शुरू करेगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनाई गई इस रणनीति से बीजेपी को बड़ा चुनावी फायदा मिला था और अब वही मॉडल बिहार में दोहराया जाएगा।