लखनऊ, 28 अगस्त 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ पर विस्तृत चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सशक्त बनाने के लिए नए सुधार आवश्यक हैं इसके साथ ही श्रमिकों की सुरक्षा और सुविधा की गारंटी भी सुनिश्चित होनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि अनावश्यक दण्डात्मक प्रावधानों को समाप्त कर, उनकी जगह पारदर्शी और न्यायसंगत व्यवस्था लागू की जाएगी। निरीक्षण व्यवस्था में स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी ऑडिट की प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए गए, जिससे उद्योगों पर बोझ कम होगा और श्रमिकों का हित भी सुरक्षित रहेगा।
राज्य सरकार शीघ्र ही यह विधेयक लाने जा रही है, जिसके तहत 13 राज्य अधिनियमों में लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्रावधान समाप्त किए जाएंगे। आबकारी अधिनियम, गन्ना अधिनियम, भूगर्भ जल अधिनियम, नगर निगम अधिनियम, प्लास्टिक कचरा निस्तारण अधिनियम और अन्य कानूनों को अधिक व्यावहारिक स्वरूप दिया जाएगा। जहां पहले कारावास की सजा थी, वहां अब आर्थिक दण्ड और प्रशासनिक कार्रवाई को वरीयता दी जाएगी।
बैठक में श्रम कानूनों के सरलीकरण पर भी चर्चा हुई। प्रस्तावों में फैक्ट्री लाइसेंस की अवधि बढ़ाने, दुकानों और प्रतिष्ठानों के नियमों में व्यावहारिक बदलाव तथा महिलाओं को अधिक अवसर देने जैसे प्रावधान शामिल हैं।
सुधारों की इस श्रृंखला में ‘निवेश मित्र 3.0’ पर भी विचार हुआ। इसके तहत आवेदन और अनुमोदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी, जिसमें कॉमन एप्लिकेशन फॉर्म, पैन-आधारित पहचान, स्मार्ट डैशबोर्ड, बहुभाषी सहायता और एआई चैटबॉट जैसी सुविधाएँ जोड़ी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी और निवेशकों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित होना चाहिए।