अंशुल मौर्य
वाराणसी, 25 अक्टूबर 2024:
सनातन संस्कृति में हर त्योहार का अपना विशेष महत्व होता है, और धनतेरस का पर्व इनमें खास स्थान रखता है, जो दिवाली की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
इस वर्ष 29 अक्टूबर को मनाए जाने वाले धनतेरस पर्व पर घर की सुख-समृद्धि के लिए विशेष रूप से सोने और चांदी के आभूषण खरीदने की परंपरा है।
वाराणसी के बाजारों में इस पर्व के लिए खासकर लक्ष्मी, गणेश और विक्टोरिया चांदी के सिक्कों की भारी मांग देखी जा रही है, जिसे देखते हुए स्थानीय ज्वैलर्स ने कई विशेष ऑफर भी पेश किए हैं।
धनतेरस का महत्व हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है, जब भगवान धन्वंतरि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
उनके आगमन के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है और इस दिन भगवान धन्वंतरि की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सोना भगवान धन्वंतरि और कुबेर की धातु होने के कारण इसे घर में रखने से सौभाग्य और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। वहीं, चांदी चंद्रमा की धातु मानी जाती है, जो शीतलता प्रदान करती है।
सोना -चांदी खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
धनतेरस पर सोने-चांदी की खरीद करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि केवल मान्यता प्राप्त दुकानदार से ही खरीदारी करें, BIS हॉलमार्क वाले सोने की पहचान करें, सोने का भाव प्रतिदिन बदलता है इसलिए लाइव रेट जान लें और पक्की रसीद अवश्य लें। इसके अतिरिक्त, एक्सचेंज पॉलिसी के बारे में जानकारी लेना भी आवश्यक है।
इस पर्व पर वाराणसी के बाजारों में बढ़ती मांग के चलते धनतेरस के लिए खरीदारी का उत्साह पूरे जोरों पर है, जिससे इस वर्ष के त्योहार की चमक और बढ़ गई है।