जब धोती में कबड्डी खेलने उतरे खिलाड़ी और संस्कृत में हुई कमेंट्री

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वाराणसी, 24 अगस्त

वाराणसी: ‘अनेन क्रीडकेन अपरः क्रीडकः गृहीतः..’ इसका हिंदी में अर्थ है- इस खिलाड़ी के द्वारा वह खिलाड़ी पकड़ लिया गया। आश्चर्य न हो, यह कोई पूजा का मंत्र नहीं बल्कि, कबड्डी की कमेंट्री है। जी हां, मौका था सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय प्रांगण में शिक्षा मंत्रालय के प्रकल्प भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का। बटुकों को धोती में कबड्डी और संस्कृत में उसकी समीक्षा सुन बरबस ही लोग ठिठक गए। यह नजारा बरबस ही लोगों को चकित कर गया।

कबड्डी भारत का पारंपरिक खेल है। बदले समय में और आधुनिकता के बीच इस खेल ने अपनी चमक बरक़रार रखी है। इस खेल से शरीर स्वस्थ रहता है तो मानसिक विकास भी होता है। कबड्डी व्यक्तिगत और सामाजिक कौशल विकास के लिए उत्प्रेरक का कार्य करती है। इसे ही ध्यान में रखकर भारतीय खेलों को प्रोत्साहन देने के मकसद से सम्पूर्णनंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को स्नातक स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया।

प्रतियोगिता में 6 टीमों ने की शिरकत
कबड्डी प्रतियोगिता में कुल छह टीमों ने शिरकत की। प्रत्येक टीम में 8-8 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। खेल का प्रारंभ स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तथा स्वामी स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय के मध्य हुआ। स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय की टीम ने टॉस जीता था।

पहले और दूसरे मैच में रहे ये विजेता
प्रतियोगिता के पहले मैच के प्रथम क्रम में दोनों टीमों ने समान अंक प्राप्त किए। प्रथम क्रम के समापन के बाद दोनों टीमों ने पक्षों का आदान-प्रदान किया। द्वितीय क्रम में स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तीन अंकों से विजयी रही। दूसरा मैच विश्वेश्वर वेद भवनम् तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के बीच हुआ। प्रथम क्रम में विश्वेश्वर वेद भवनम् की टीम ने जीत हासिल की। इस पारी के द्वितीय क्रम में भी विश्वेश्वर वेद भवनम् ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए विपक्षी टीम को शिकस्त दी।

सेमीफाइनल में पहुंची ये टीमें
वहीं, तीसरा मैच इंटरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट तथा वेद विद्यानिधि के बीच हुआ। प्रथम क्रम में दोनों टीमों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 14-14 अंक हासिल किए। दूसरे क्रम के लिए पक्षों का परिवर्तन हुआ। दूसरे क्रम में वेद विद्यानिधि की टीम ने 24 अंक से जीत हासिल की। तीनों मैचों के समापन के बाद स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, विश्वेश्वर वेद भवनम्, श्री स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की टीम सेमीफाइनल में पहुंची।

वेदांती वेद विद्यापीठ बनी विजेता
फाइनल मैच स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तथा विश्वेश्वर वेद भवनम् के बीच हुआ। मुकाबले में वेदांती वेद विद्यापीठ सर्वाधिक 24 अंक प्राप्त कर प्रथम विजेता तथा विश्वेश्वर वेद भवनम् ने 19 अंक अर्जित कर द्वितीय विजेता रही। अत्यंत रोचकता और आनंद के साथ निर्णायक पारी खेली गई।

‘इयं कबड्डी क्रीडा प्रतियोगिता अतीव…’
कबड्डी प्रतियोगिता में सबसे आकर्षक संस्कृत में कमेंट्री रही। इसने लोगों को रोमांचित किया। खेल उद्घोषक डॉ. आशीष मणि त्रिपाठी तथा श्रीदवे अल्पेश पंकजभाई ने पूरे खेल की कमेंट्री की। ‘इयं कबड्डी क्रीडा प्रतियोगिता अतीव आनन्दप्रदा बलप्रदा बुद्धिप्रदा च विद्यते’…जैसे शब्दों ने लोगों को रोमांचित किया। ऐसी कमेंट्री ने खेल की रोचकता को बढ़ा दिया। खेल निर्णायक रूप में डॉ. जयंतपति त्रिपाठी तथा डॉ. दुर्गेश पाठक उपस्थित रहे। प्रो. दिनेश गर्ग विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में तथा प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

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