हरारी की रोचक दुनिया…

Shubham Singh
Shubham Singh

यूआल नोआ हरारी वर्तमान समय के मशहूर इतिहासकार हैं . इन्होंने मानव सभ्यता के विकास पर तीन किताबें लिखी हैं . जिसकी दुनिया भर में सराहना हुई हैं . भारत के साथ भी इनका जुड़ाव रहा है . अपनी एक किताब Homo Deus को हरारी ने विपशना ध्यान पद्धति के लिए प्रसिद्ध गुरु S N  गोयनका को समर्पित किया है. 

शुभम (जो एक फेलो है) ने हरारी की किताब पर बेहतरीन लेख लिखा है आप पढ़े…

भाग -1

बहुत समय पहले से कुछ समय बाद की बात है जब किसी बंदर जैसे दिखने वाले जीव ने तय किया कि अब हमें झुककर नहीं अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधे कर के चलना चाहिए . यह मानव बनने का पहला प्रयास था . एक कोशिश और थी जब हमारे आदिम पूर्वजों ने आग को बरतना सीखा . और सीखा शिकार करना . 

महान शायर मिर्जा गालिब ने लिखा है –

 बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना / आदमी को भी मुयस्सर नहीं इंसाँ होना

यह पहले जानवर फिर आदमी और उसके बाद इंसान बनने की दास्तान है . यह मानव सभ्यता के बनने और बिगड़ने की की कहानी है . यह हम सबका इतिहास है जिसे जानना बेहद जरूरी है .

एक प्रोफेसर हैं , दुनिया के तमाम घटनाओं को किस्से में बदल देते हैं . इस प्रोफेसर का नाम है युआल नोआ हरारी . हरारी येरुशलम के हिब्रू यूनिवर्सिटी में इतिहास पढ़ाते है . कुछ किताबों का लिखा जाना दुनिया में Phenomenon की तरह होता है . हरारी की तीनों किताबें Phenomenon साबित हुई. 

हरारी की पहली किताब का नाम है – Sapience : A Brif History of Humankind .  

यह सफेद रंग की किताब आपको 10 हजार साल पीछे ले जाती है . किताब की शुरुआत दक्षिण फ्रांस के एक गुफा की तस्वीर से होती है जिसमें 30,000 साल पहले बने मानव के हाथ के निशान हैं . दरअसल हमारे पूर्वजों ने यह कहने की कोशिश की थी कि ” मैं यहां था” . यहां हरारी The Congitive Revolution की बात करते हैं .

सोचिए की मानव प्रजाति को भूख पहली बार कैसे और कब महसूस हुआ होगा ?  किसी रोज जब मांस को चबाते चबाते मानवों के दांत और आंत दोनों घिसने लगे फिर उसने तय किया की वह पौधो और उसके अन्य भागों को खाएगा . इस तरह की कई रोचक व्याख्याएं आपको किताब पढ़ते हुए जरूर मिल जाएगी . हरारी उन तमाम पुरानी धारणाओं को इस किताब में ध्वस्त करते हैं और अपनी तार्किक सोच से आपको बार-बार रोमांचित करते हैं . 

दरअसल जब होमो सेपियंस के बनने का समय था तो उस समय कई अन्य जीव भी अपनी सभ्यता का विकास कर रहे थे ? लेकिन क्या वजह थी कि बाकी जीवों के मुकाबले होमो सेपियंस ने बेहतर सभ्यता का निर्माण किया ? इस जरूरी सवाल को लेखक ने बेहतर तरीके से समझाया है . 

मानव सभ्यता के विकास के क्रम में दुनिया में जो भी घटनाएं घटी है , यह किताब आपको उन घटनाओं से अवगत कराती है और उन घटनाओं के मायने भी समझाती है . जैसे की मिस्र में पिरामिड के बनने के पीछे की वजह क्या थी ? मानव ने सबसे पहले बाढ़ और अकाल का सामना कैसे किया था ? 

मानव को धर्म की क्यों जरूरत महसूस हुई?  एडम और ईव की कहानी क्या है ? इन सवाल का जवाब जानने के लिए हरारी ने The law of Religion नाम से एक पूरा चैप्टर ही लिखा है . दुनिया में विचारों की क्रांति क्यों हुई. पूंजीवाद और मार्क्सवाद का विकास क्यों हुआ? आदमी ने मशीनों के आविष्कार क्यों किया ? कोई कोलंबस या वास्कोडिगामा क्यों निकला दूसरे देश की तलाश में ? यह किताब इन सब सवालों का ज़बाब है . 

तो अगर आप जीवन को लेकर उत्सुक हैं और आपके अंदर इतिहास जानने की ललक है तो यह किताब आपको जरूर पढ़नी चाहिए. यह किताब विंटेज पब्लिकेशन से छपी है . इस किताब का हिंदी अनुवाद मदन सोनी ने किया है . आप इसे हिंदी में भी पढ़ सकते हैं.

जारी है …

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