प्रयागराज, 16 दिसंबर 2024:
यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी की है। संभल के एक स्कूल की निलंबित शिक्षिका की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारी (डीएम) को बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के काम में दखल देने और निरीक्षण करने का अधिकार नहीं है। डीएम राजस्व अधिकारी हैं।
डीएम के निर्देश पर स्कूल का निरीक्षण, शिक्षिका को किया था सस्पेंड
इसके साथ ही कोर्ट ने डीएम के निर्देश पर किए गए निरीक्षण के दौरान शिक्षिका के निलंबन को असंवैधानिक करार दिया। डीएम और बीएसए से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। मालूम हो कि संभल के एक विद्यालय की शिक्षिका को गत 25 अक्तूबर निलंबित कर दिया गया था। इस पर शिक्षिका ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनके अधिवक्ता चंद्रभूषण यादव ने कहा कि डीएम के निर्देश पर एसडीएम और खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का निरीक्षण किया। कार्य खराब होने के आधार पर शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया।
निलंबन आदेश रद्द, तलब किया जवाब
इस आदेश को रद्द करने की याचना पर कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि डीएम को बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के निरीक्षण का अधिकार नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद का नियंत्रण बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के पास होता है। बीएसए व विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी परिषद के प्रति जवाबदेह हैं। इसका अध्यक्ष शिक्षा मंत्री होता है। इन हालात में डीएम की विद्यालयों के कार्यों में कोई भूमिका नहीं है। कोर्ट ने इसके लिए बीएसए को भी जिम्मेदार माना। कोर्ट ने कहा कि बीएसए ने डीएम को यह नहीं बताया कि विद्यालय के निरीक्षण का आदेश देने का अधिकार उन्हें नहीं है। कोर्ट ने शिक्षिका का निलंबन आदेश रद्द कर जवाब तलब किया है।