प्रयागराज,10 जनवरी 2025
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नाबालिग रेप केस में आरोपित को जमानत देने से इनकार करते हुए बलात्कार को एक अमानवीय कृत्य और महिला की निजता का गंभीर उल्लंघन बताया। कोर्ट ने टिप्पणी की कि यौन हिंसा पीड़िता को दोहरी परेशानी में डाल देती है, जिसमें पहला शारीरिक और मानसिक आघात होता है और दूसरा कानूनी प्रक्रिया से जुड़ा तनाव। कोर्ट ने इस पर जोर दिया कि यह अपराध केवल शारीरिक हिंसा नहीं बल्कि पीड़िता की गरिमा और आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंचाता है। मामले के अनुसार, पीड़िता गर्भवती हो गई थी और डीएनए रिपोर्ट से आरोपित की जैविक पितृत्व की पुष्टि हुई। आरोपित ने जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर उसकी याचिका खारिज कर दी।