अयोध्या,3 जनवरी 2025
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में फैजाबाद में 10 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी की सजा रद्द कर रिहाई का आदेश दिया। अदालत ने किशोर न्याय बोर्ड की रिपोर्ट को स्वीकार किया, जिसमें बताया गया कि अपराध के समय दोषी की उम्र 18 वर्ष से कम थी। पहले निचली अदालत ने दोषी को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था।
शीर्ष अदालत ने किशोर न्याय बोर्ड से दोषी की उम्र का सत्यापन कराया, जिसमें साबित हुआ कि अपराध के समय वह नाबालिग था। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को मान्य करते हुए फैसला सुनाया कि दोषी को किशोर माना जाए। राज्य सरकार के वकील ने भी रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं जताई, जिसके बाद दोषी की रिहाई का आदेश दिया गया।