ग्वालियर,6 जनवरी 2025
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सोमवार को भोपाल गैस त्रासदी के बाद पैदा हुए यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निस्तारण पर सुनवाई हुई। सरकार ने कोर्ट से कचरे को सुरक्षित और सावधानीपूर्वक निस्तारित करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की, यह बताते हुए कि कंटेनर्स में कचरा लंबे समय तक रखना खतरनाक हो सकता है। सरकार ने यह भी कहा कि कुछ फेक मीडिया रिपोर्ट्स के कारण पीथमपुर में हंगामा हुआ, जिससे कचरे के निस्तारण में रुकावट आई। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को कचरे के निस्तारण के लिए समय सीमा तय करने की अनुमति दी और कहा कि इसे अनलोड करते वक्त किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में एक हाई लेवल कमिटी की रिपोर्ट पेश करने की मांग की, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कचरे के निस्तारण में इतने साल क्यों लगे। अभी तक 11 मिलियन मीट्रिक टन जहरीले कचरे में से महज 337 टन का निस्तारण किया गया है, और इसे सरकार की लापरवाही बताया गया है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सरकार को निस्तारण के लिए अपने हिसाब से समय तय करने की अनुमति दी और कचरे के निस्तारण में कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी, जिसमें संबंधित पक्षों को प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।