कोलकाता,29 अक्टूबर 2024
भक्तों को भगवत गीता और कथा सुनाने वाली जया किशोरी ने महंगे हैंडबैग को लेकर उठे विवाद पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनका बैग लेदर का नहीं है, बल्कि कस्टमाइज है, जिस पर उनका नाम लिखा है। जया किशोरी ने दावा किया कि उन्होंने कभी भी अपनी कथा के दौरान लोगों को मोहमाया से दूर रहने की नसीहत नहीं दी। उन्होंने अपने इच्छाओं के बारे में भी बात की और कहा, “मैं सामान्य लड़की हूं और पूर्ण गृहस्थ जीवन जीना चाहती हूं।”
महंगे फोन और कस्टमाइज हैंडबैग का शौकहाल ही में एक इंटरव्यू में जया किशोरी ने बताया कि उन्हें महंगे फोन का शौक है, और वह आईफोन सीरीज के लेटेस्ट मॉडल्स रखना पसंद करती हैं। उनके हैंडबैग की कीमत दो लाख रुपये से अधिक बताई जाती है। इस वजह से उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा। कई लोगों ने आलोचना करते हुए कहा कि जो व्यक्ति दूसरों को मोह-माया से दूर रहने की नसीहत देता है, वह खुद महंगे शौक रखता है। इसके अलावा, उन पर चमड़े के हैंडबैग रखने के आरोप भी लगे, जो पशुओं की खाल से बने होते हैं। इन आरोपों के जवाब में जया किशोरी ने अपनी बात रखी है।
लेदर वाले बैग का इस्तेमाल… कभी नहीं
29 साल की कथावाचक जया किशोरी ने स्पष्ट किया है कि उनका हैंडबैग चमड़े का नहीं है, और इसे उन्होंने अपनी जरूरत के अनुसार कस्टमाइज कराया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी चमड़े के बैग का इस्तेमाल नहीं किया और भविष्य में भी ऐसा नहीं करेंगी। जया ने बताया कि वह हमेशा अपने प्रवचनों में मोह-माया से दूर रहने की बात करती हैं, लेकिन कभी नहीं कहतीं कि पैसे कमाना गलत है।उन्होंने कहा, “मैंने कुछ त्यागा नहीं है, तो मैं आपको ऐसा करने के लिए कैसे कह सकती हूं? मैं कोई संत या साध्वी नहीं हूं, बल्कि एक सामान्य लड़की हूं जो अपने परिवार के साथ रहती है और गृहस्थ जीवन जीना चाहती है।”
जया किशोरी, जो कथावाचन के साथ मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, ने बताया कि वह युवाओं को मेहनत कर पैसे कमाने और अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका असली नाम जया शर्मा है, और वह 9 साल की उम्र से प्रवचन कर रही हैं। 12वीं कक्षा में उन्होंने श्रीमदभगवत गीता को कंठस्थ किया था और अध्यात्म की दुनिया में प्रसिद्धि पाने के बाद ओपन यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई की।